पहाड़ पर जमी बर्फ सा होता है मन
धीमे धीमे पिघलता रहता है मनकलेजे पर पत्थर सा रखा हो जैसे
सरकाने से हल्का होता है मन
यादों का धुआं धुंधलाने भी दो
देख शरर धुँए के सुलगता है मन
सर्द धूप के इक टुकड़े की खातिर
छत के कोनों की तरफ़ भागता है मन
सात समुंदर पार घूम आता है मन
कितने ही बंद करो जिस्म के दरीचे
बेकाबू खरगोश सा कूद जाता है मन
खरगोश स मन ..सुन्दर गज़ल
जवाब देंहटाएंman ki bilkul sahi vyakhya kar di.......
जवाब देंहटाएंmeenu di
जवाब देंहटाएंkya baat hai-----nihayat hi khoobsurati avam gahan tareeke se man ko bahut hi sundarta se
paribhashhit kiya hai.
bahut bahut badhai
poonam
सच... मन पल में कहाँ से कहाँ जा पहुँचता है...... बहुत सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंI enjoy, cause I found exactly what I was taking a look for.
जवाब देंहटाएंYou have ended my four day lengthy hunt! God Bless you man. Have a
nice day. Bye
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