सांसों और धडकनों की साजिश है जिस्म
रग रग में सुर्ख रंग की आराइश है जिस्म
गला दबाया हो जैसे और घुट रही हों सांसें
इन्तहा ए दर्द की ही तो पैदाइश है जिस्म
रिश्तों के जंगल में खड़ा है इक दरख़्त सा
गुलों शाखों पत्तों सी आज़माइश है जिस्म
बाहें पसारे खड़ी हैं दोनों तरफ बेमुर्रव्वत
हयात और कज़ा की फरमाइश है जिस्म
आसमान जो कुछ और बह चले दरीचों से
इक मुट्ठी खामोशी की गुंजाइश है जिस्म
बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंthx
जवाब देंहटाएंखुबसूरत शेर दिल की गहराई से लिखा गया बधाई
जवाब देंहटाएंअंदाज़ भी अच्छा है, आग़ाज़ भी अच्छा है
जवाब देंहटाएंमीनू का देखो शौक़-ए-परवाज़ भी अच्छा है
और आपके दाद देने का अंदाज़ भी अच्छा है
जवाब देंहटाएंBahut khoob Meenu ji---sundar rachana.
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