शनिवार, 17 अगस्त 2013

आबशार यायावर









सिलसिले धडकनों के और बेताबियाँ यायावर
तगाफुल हैं साँसे और बदहवासियाँ यायावर

हर धड़कन के साथ है अब  ज़िन्दगी यकीन
जिस्म में दौड़ते लहू की हैं बेज़ारियां यायावर

कुछ हसरतें अनकही और पिन्हा है बेबसी
तड़पती मौजों की देखो तिश्नगियाँ यायावर

इक खारजार दामन है कोई दश्त तो नहीं
जो  आ गिरती हैं अक्सर वीरानियाँ यायावर

ज़मीं घूम रही है आसमान घूम  रहा है
गर्दिश ए कायनात ज़िन्दगानियाँ यायावर


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