गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

अरमां




दूर पहाड़ों पे न जाने कितनी बर्फ बाकी है
जल्दी नहीं पिघलती इसका मतलब काफी है

संग मौसमों के पिघलता रहता है जिस्म
दिल में कोई अरमां कोई ख्वाब अभी बाकी है

दरिया पार से आ रही है कोई सदा
दूर ज़जीरे पे शायद ज़िन्दगी अभी बाकी है

कैद किया मुट्ठी में आफ़ताब का टुकड़ा
अंदाज़ा सही निकला गर्मी अभी काफी है

शाम धुंधलाने लगी है दोपहर से ही
शहर का सड़कों पे फिसलना अभी बाकी है

पैमाना मचल मचल के छलक उठा है
लबों तक आने नहीं देता कैसा साकी है

20 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर गजल ....जज्बातों को बखूबी अभिव्यक्त किया है ...आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. ह्र्दय की गहराई से निकली अनुभूति रूपी सशक्त रचना

    जवाब देंहटाएं
  3. वसन्त की आप को हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |

    जवाब देंहटाएं
  5. बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें ..........मेरे ब्लॉग पर आकर एक सार्थक टिप्पणी के लिए आपका आभार ....आशा है आपका मार्गदर्शन और आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहेगा ..शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह, क्‍या बात है। आपके शब्‍द चित्र आंखों के रास्‍ते मन मस्तिष्‍क में उतर गये।

    ---------
    ब्‍लॉगवाणी: एक नई शुरूआत।

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीया मीनू भगिया जी
    सस्नेहाभिवादन !


    संग मौसमों के पिघलता रहता है जिस्म
    दिल में कोई अरमां कोई ख़्वाब अभी बाकी है

    बहुत सुंदर और भावों को उद्वेलित करने वाली रचना है … बधाई !
    कुछ पुरानी रचनाएं भी आपकी पिछ्ली पोस्ट्स पर देखी , पसंद आईं ।

    बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

    जवाब देंहटाएं
  8. paimaana machal machal ke chhalak utha haiii
    labon tak aane nahi deta kaisi hai.........

    waaaaaahhhhhh

    जवाब देंहटाएं
  9. पहली बार आई हूं काफी अच्छा लगा पढ़कर....ग़ज़ल पसंद आई और फॉलो भी कर रही हूं....ऐसे ही लिखती रहिए....

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर ..... कमाल की पंक्तियाँ रची हैं...... प्रभावी अभिव्यक्ति.... बधाई....

    जवाब देंहटाएं
  11. पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ.
    बहुत ही उम्दा ग़ज़ल पढ़ी.कुछ अशार बहुत ही अच्छे लगे.
    ख़ास कर मक्ता.
    आपकी कलम को सलाम.

    जवाब देंहटाएं
  12. दूर जजीरे पर जि‍न्‍दगी बाकी है

    जि‍न्‍दगी की तलाश में उसने भी कुछ कहा है, देखें - http://rajey.blogspot.com/ पर

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर ग़ज़ल. खासतौर से -
    क़ैद किया आफ़ताब... शेर बहुत सुन्दर है.

    जवाब देंहटाएं